वाशिंगटन: पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने कहा है कि उन्होंने अपनी समकक्ष सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) को कभी भी एक "महत्वपूर्ण राजनीतिक शख्सियत" के रूप में नहीं देखा, लेकिन विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उनकी पहली मुलाकात में ही उनके साथ अच्छी दोस्ती हो गई. मंगलवार को बाजार में आई किताब 'नेवर गिव एन इनच: फाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव' में पोम्पियो ने सुषमा स्वराज के बारे में ऐसा अनुचित तरीके से वर्णन करते हुए कई अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया है.
सुषमा स्वराज ने मई 2014 से मई 2019 तक पहली मोदी सरकार में विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया. अगस्त 2019 में उनका निधन हो गया था. पोंपियो के दावों पर टिप्पणी करते हुए जयशंकर ने कहा कि उन्होंने पोंपियो की किताब में श्रीमती सुषमा स्वराज जी का जिक्र करते हुए एक अंश देखा है. हमने सुषमा जी को बहुत सम्मान दिया और उनके साथ असाधारण रूप से घनिष्ठ और मधुर संबंध थे. सुषमा जी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की वह निंदा करते हैं.
59 वर्षीय माइक पोम्पियो ने अपनी किताब में लिखा, "भारतीय पक्ष में, मेरे मूल समकक्ष भारतीय विदेश नीति टीम में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी नहीं थी. इसके बजाय, मैंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ मिलकर काम किया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और भरोसेमंद विश्वासपात्र थे." तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के विश्वासपात्र, पोम्पेयो 2017 से 2018 तक उनके प्रशासन में सीआईए निदेशक थे और फिर 2018 से 2021 तक विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया.
"मेरे दूसरे भारतीय समकक्ष एस जयशंकर थे. मई 2019 में, हमने भारत के नए विदेश मंत्री के रूप में "जे" का स्वागत किया. मैं इस आदमी से प्यार करता हूं. अंग्रेजी उन सात भाषाओं में से एक है जो वह बोलते हैं, और मुझसे कुछ बेहतर है." पूर्व शीर्ष अमेरिकी राजनयिक लिखते हैं, जो अब 2024 के राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ की संभावना तलाश रहे हैं.
माइक पोम्पिओ ने दावा किया है कि तत्कालीन भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें बताया कि पाकिस्तान कि फरवरी 2019 में बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद परमाणु हमले की तैयारी कर रहा था. यह सुनकर वह दंग रह गए थे. पोम्पिओ के मुताबिक, सुषमा स्वराज ने कहा था कि इसको देखते हुए भारत भी आक्रामक प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहा है.
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