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Saturday, December 29, 2018

सीएचसी में पांच की जगह दो डॉक्टर, बढ़ी मरीजों की परेशानी

सांडवा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांडवा में सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। जो सीएचसी कभी दानदाताओं के सहोयग से प्रदेश में कायाकल्प का पुरस्कर ले चुकी है वह आज सरकार की अनदेखी के कारण दुर्दशा का शिकार हो रही है। सीएचसी में लम्बे समय से तीन चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। इसके कारण करीब 30 गांवों के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां पांच में से दो चिकित्सक कार्यरत हैं। एक के भी अवकाश पर जाते ही व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाती है। दो चिकित्सकों में से एक चिकित्सक सुबह के समय ओपीडी में बैठते हैं दूसरा चिकित्सक शाम के समय ओपीडी में बैठते हैं। अस्पताल में प्रसव व दुर्घटना के केस भी आते हैं महज एक चिकित्सक ओपीडी में होने के कारण मरीजों को लंबे समय तक उपचार व चिकित्सकीय परामर्श के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। और अस्पताल में एक्सरे टेक्नीशियन पद भी लम्बे समय से रिक्त है। संविदा पर एक टेक्नीशियन लगाया गया है। जिस दिन वह नहीं आता है उस दिन लोगों को बाहर से एक्स-रे करवाने पड़ते हैं। नर्सिंग कर्मचारी का एक पद रिक्त है और डेपुटेशन पर बीदासर लगाई गई हैं।

महिला रोग विशेषज्ञ की कमी
सीएचसी सांडवा में महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की भी कमी है। इससे अस्पताल पहुंचने वाली महिला रोगियों को बिना उपचार वापस घर लौटना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में दो बार महिला चिकित्सक के आने पर क्षेत्र की महिलाओं में आशा की किरण जगी थी। परंतु दोनों ही चिकित्सकों ने थोड़े समय के लिए ही अपनी सेवा दी और वापस कहीं और स्थानांतरण हो गया जिसके बाद लंबे समय से गांव में कोई भी महिला डाक्टर की नियुक्ति नहीं हुई। सीएचसी सांडवा में एक महीने में 10 से 15 प्रसव के केस आते हैं। ज्यादा सीरियस डिलीवरी केस चिकित्सक द्वारा रैफर कर दिया जाता। अव्यवस्था के कारण इन दिनों मरीजों का रुझान अस्पताल से कम होता जा रहा है।

इनका कहना है
अस्पताल में डाक्टरों की कमी के कारण ही एक टाइम में केवल एक ही डॉक्टर ओपीडी में बैठ पाता है। अस्पताल में अनेक इमरजेंसी केस में काम आने वाली सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण किसी भी गंभीर मरीज का उपचार नहीं हो पाता है। ब्लड स्टोरेज की सुविधा नहीं होने से डिलवरी का सीरियस केस अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा नहीं होने के कारण रैफर करना पड़ता है।
डा. लोकेश श्रीवास्तव, प्रभारी, सीएचसी, सांडवा



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