हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला अब हमारे बीच नहीं है लेकिन उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में जो कुछ हासिल किया वो राजनीति से जुड़े आज के युवाओं के लिए एक मिशाल की तरह है. ओम प्रकाश चौटाला को उनकी राजनीतिक जीवन से जुड़ी उपलब्धियों के साथ-साथ उनसे जुड़ी कुछ निजी कहानियों को लेकर भी याद किया जाएगा. इन्हीं कहानियों में से एक है जब उनके पिता और उस समय सूबे के मुख्यमंत्री देवीलाल ने उन्हें घर से निकाल दिया था. चलिए वो किस्सा क्या है उसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.
दरअसल, ये साल था 1978 का जब ओमप्रकाश चौटाला साऊथ-ईस्ट ऐशिया के एक सम्मेलन में हिस्सा लेने बैंकॉक गए हुए थे. इस सम्मेलन में शामिल होने के बाद वह 22 अक्टूबर को भारत लौटे. उनका जहाज दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड हुआ. दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने जब उनके बैग की तलाशी ली,तो करीब 4 दर्जन घड़ियां और 2 दर्जन महंगे पेन बरामद हुए. जल्द ही खबर फैल गई कि सीएम देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला तस्करी में पकड़े गए हैं.
सीएम देवीलाल उस समय चंडीगढ़ PGI में अपना इलाज करवा रहे थे. जब देवीलाल को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. कॉन्फ्रेंस में उन्होंने साफ लहजे में कह दिया कि ओमप्रकाश के लिए मेरे घर के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं. इसके बाद पिता देवीलाल ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया था.
हालांकि हर कहानी के दो पहलू होते हैं.इस कहानी में भी कुछ ऐसा ही हुआ.हरियाणा के वित्त मंत्री रहे संपत सिंह बताते हैं कि चौटाला घड़ियों की स्मगलिंग नहीं कर रहे थे. CM का बेटा होने के नाते विदेश दौरे पर उन्हें गिफ्ट में घड़ियां मिली थीं. जांच हुई तो ओम प्रकाश चौटाला निर्दोष पाए गए. इसके बाद देवीलाल ने भी बेटे को माफ कर दिया.
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