करोड़ों की संपत्ति के मालिक होते हुए भी बॉलीवुड के ये अभिनेता सादगी भरा जीवन जीना पसंद करते हैं. इन्होंने अपने एक्टिंग के दम पर न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि साउथ की फिल्मों में भी अपना जलवा दिखाया है और अच्छी खासी फैन फॉलोइंग रखते हैं. फिल्मी दुनिया में आने से पहले यह अभिनेता रंगमंच पर अपनी अदाकारी दिखाते थे. जानकारी के अनुसार तीन बार रिजेक्शन के बाद इन्हें एनएसडी में दाखिला मिला था, हम आखिर किसके बारे में बात कर रहे हैं? पहचाना आपने.
आज हम जिस अभिनेता के बारे में चर्चा कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि, बॉलीवुड के मंझे हुए कलाकार मनोज बाजपेयी हैं. जिन्हें एक्टिंग का इंस्टिट्यूट कहना गलत नहीं होगा. मनोज बाजपेयी का जन्म बिहार के बेलवा गांव के एक किसान परिवार में 23 अप्रैल 1969 में हुआ था.
मनोज बाजपेयी की पहली फिल्म
बचपन से ही एक्टिंग का जुनून रखने वाले मनोज बाजपेयी को पहली फिल्म 1994 में करने को मिली, जिसका नाम था द्रोहकाल. इसके बाद उन्होंने फिल्म 'बैंडिट क्वीन' में काम किया, लेकिन 1997 में आई फिल्म 'सत्या' से उन्हें पहचान मिली. जिसे रामगोपाल वर्मा ने डायरेक्ट किया था. इस फिल्म के बाद मनोज बाजपेई को सर्वश्रेष्ठ को एक्टर का अवार्ड मिला था.
बेहद साधारण जीवन जीने वाले मनोज बाजपेई ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें इंटरव्यू में बुलाने से ज्यादा अच्छा है कि उनसे घर के लिए आलू टमाटर मंगवा लिए जाएं. आगे उन्होंने बताया कि वे जब घर जाते हैं तो उनकी वाइफ टमाटर लाने के लिए कहती है तो वे अपने साथ बड़े शौक से टमाटर लेकर जाते हैं.
अपनी एक्टिंग के दम पर बॉलीवुड में कदम जमाने वाले मनोज बाजपेयी, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग की पढ़ाई कर चुके हैं, लेकिन आपको जानकारी है आश्चर्य होगा कि एनएसडी में एडमिशन लेने से पहले वे तीन बार रिजेक्ट हुए थे. जिसके बाद उन्होंने आत्महत्या करने का प्लान बनाया. अभिनेता रघुबीर यादव की बात मानकर उन्होंने बैरी जॉन की एक्टिंग क्लासेस शुरू की, जहां पर उन्होंने एक्टिंग की बारीकियां सीखीं.
<
मनोज बाजपेई ने टीवी पर स्वाभिमान जैसे सीरियल में काम किया और बॉलीवुड में उन्होंने गैंग्स ऑफ़ वासेपुर, पिंजर, शूल, फिजा, सत्या जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया.
from NDTV India - Latest https://ift.tt/APSqvwp
No comments:
Post a Comment