World Breastfeeding Week 2023: हर साल दुनिया भर में अगस्त के पहले हफ्ते यानी 1 से 7 अगस्त तक ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है. बच्चे के लिए मां का दूध जितना जरूरी होता है. एक महिला के लिए बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने की भी उतनी ही जरूरत होती है, क्योंकि ये महिला की सेहत पर पॉजिटिव असर डालता है. कुछ महिलाएं 1 से 2 साल तक या कभी-कभी तीन साल तक भी बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग कराती हैं. जबकि कुछ महिलाओं में मिल्क प्रोडक्शन कम होता है और वो ब्रेस्टफीडिंग नहीं करा पाती. आइए जानते हैं कि वो कौन से कारण हैं जो एक महिला के स्तनपान कराने की क्षमता यानी लैक्टेशन को प्रभावित करते हैं.
स्तनपान की क्षमता को प्रभावित करने वाली स्थितियां (conditions that affect your ability to lactate)
स्तनपान कराने की क्षमता और आपके मिल्क प्रोडक्शन की अवधि अलग-अलग होती है. कुछ महिलाएं में सालों तक दूध का प्रोडक्शन होता है. जबकि अन्य को अपने बच्चे के लिए मिल्क प्रोडक्शन करने में परेशानी होती है. कुछ सामान्य कारक जो स्तनपान या लैक्टेशन को प्रभावित कर सकते हैं वे हैं.
- हार्मोनल लेवल और कंडिशन
- दवाएं
- रेडिएशन थेरेपी के कारण
- आपके ब्रेस्ट या निपल्स पर इंजरी.
- स्तन वृद्धि या ब्रेस्ट सर्जरी.
- एचआईवी संक्रमण जैसी अन्य मेडिकल कंडीशन.
- नशीली दवाओं और शराब का सेवन
ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं तो रखें इस बात का ध्यान
अगर आप अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं तो आपको कोई भी नई दवा या इलाज शुरू करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से सलाह लेनी चाहिए. कई दवाएं ब्रेस्ट मिल्क के जरिए आपके बच्चे तक पहुंच सकती हैं, जिसका आपके बच्चे पर खतरनाक प्रभाव पड़ सकता है.
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