अप्रैल का महीना आते ही अधिकतर नौकरीपेशा लोग इस जुगत में लग जाते हैं कि अभी-अभी शुरू हुए वित्तवर्ष में किसी तरह इनकम टैक्स में कुछ बचत कर पाएंगे या नहीं. इस उद्देश्य के लिए भारत सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें निवेश करने से न सिर्फ आयकर में बचत होगी, बल्कि रिटायरमेंट का वक़्त आने तक अच्छी-खासी रकम भी जमा की सकती है. इस तरह की सबसे आकर्षक और लाभकारी योजनाओं में से एक है - लोक भविष्य निधि, जिसे आमतौर पर पब्लिक प्रॉविडेंट फंड या पीपीएफ या PPF के नाम से जाना जाता है.
रिटायरमेंट के बाद परिवार की गुज़र-बसर के लिए करोड़ों रुपये की जायज़, कानूनी और टैक्स फ्री रकम का इंतज़ाम कर देने वाली सरकारी स्मॉल सेविंग्स स्कीम, यानी छोटी बचत योजना PPF मैच्योरिटी से पहले भी कई दशक तक इनकम टैक्स, यानी आयकर में बचत भी करवा सकती है. सबसे फायदेमंद पहलू यह है कि यदि पति-पत्नी, दोनों अलग-अलग PPF खाता खुलवा लें, तो सेवानिवृत्ति के वक्त मिलने वाली कुल रकम तो साढ़े चार करोड़ रुपये से ज़्यादा हो ही जाएगी, उस समय तक दंपति मिलकर 35 साल तक हर साल 93,600 रुपये (46,800 रुपये प्रत्येक) की इनकम टैक्स बचत हासिल कर चुके होंगे, यानी 35 साल में कुल मिलाकर 32,76,000 रुपये की बचत. लेकिन याद रहे कि इनकम टैक्स में बचत की यह राशि 46,800 या दोनों के लिए 93,600 रुपये उसी वक्त हो पाएगी, जब दोनों ही पति-पत्नी पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Income Tax Regime) को थामे रहें, और दोनों ही आयकर की सबसे बड़ी स्लैब के हिसाब से 30 प्रतिशत इनकम टैक्स अदा कर रहे हों. ध्यान रहे कि यदि PPF निवेशक आयकर के किसी छोटे स्लैब के तहत टैक्स देता है, तो इनकम टैक्स बचत की यह राशि भी उसी अनुपात में घट जाएगी.
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कौन खुलवा सकता है PPF खाता...?
बेहद प्रचलित सेविंग्स स्कीम PPF पिछले कुछ दशक के दौरान नौकरीपेशा लोगों में सर्वाधिक लोकप्रिय भी रही है. इस स्कीम के तहत कोई भी भारतीय डाकघर, यानी पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक की शाखा में PPF खाता खोल सकता है. इस खाते में हर साल (यानी वित्तवर्ष - 1 अप्रैल से 31 मार्च) कम से कम 500 रुपये तथा अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं, और साल पूरा होने के बाद आपके खाते में इस रकम का ब्याज़ जोड़ दिया जाता है. अगर PPF खाताधारक हर वर्ष 1 अप्रैल (या 5 अप्रैल से पहले) को ही पूरे 1,50,000 रुपये खाते में जमा कर दे, तो अगले साल मार्च के अंत में उसके खाते में अधिकतम ब्याज जमा हो जाएगा. इस समय भारत सरकार पीपीएफ खाते पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज दे रही है, जो मौजूदा सभी सामान्य योजनाओं से ज़्यादा है. गौरतलब है कि सरकारी स्मॉल सेविंग्स स्कीमों में इस समय सिर्फ सुकन्या समृद्धि योजना (10 साल या उससे कम उम्र की बच्चियों के लिए) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) ही ऐसी योजनाएं है, जिनकी ब्याज दर PPF से ज़्यादा है.
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PPF क्यों है फायदेमंद...?
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी PPF की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह EEE कैटेगरी की योजना है, जिसका अर्थ है कि इसमें हर साल जमा की जाने वाली रकम पर इनकम टैक्स में छूट हासिल होती है, इस पर हर साल मिलने वाले ब्याज पर किसी तरह का कोई इनकम टैक्स नहीं लगता, और परिपक्वता, यानी मैच्योरिटी के समय मिलने वाली पूरी रकम (मूलधन तथा ब्याज) भी इनकम टैक्स के दायरे से पूरी तरह बाहर रहती है.
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PPF खाता कैसे बनाएगा करोड़पति...?
वक़्त आ गया, जब आप यह भी जान लें कि PPF योजना के ज़रिये कोई सेवानिवृत्ति के समय तक करोड़पति कैसे बनेगा. यदि कोई शख्स 25 साल की उम्र में ही PPF खाता खुलवा लेता है, और हर साल 1 से 5 अप्रैल के बीच इस खाते में 1,50,000 रुपये (अधिकतम सीमा) जमा करवा देता है, तो अगले साल 31 मार्च को उसके PPF खाते में इस खाते पर फिलहाल दिए जा रहे ब्याज की बदौलत 10,650 रुपये जमा होंगे, जिसके चलते अगले वित्तवर्ष के पहले दिन, यानी 1 अप्रैल को खाते का बैलेन्स 1,60,650 रुपये हो जाएगा. इसके बाद नए वित्तवर्ष में जमा करवाए गए 1,50,000 रुपये जुड़ने पर बैलेन्स राशि 3,10,650 रुपये बन जाएगी, और फिर इस नए साल में खाताधारक को इसी रकम पर ब्याज मिलेगा, जो मौजूदा दर से 22,056 रुपये बनेगा. अगर PPF निवेशक हर साल 1 से 5 अप्रैल के बीच अपने खाते में 1,50,000 रुपये जमा करता रहे, तो मैच्योरिटी के 15 साल पूरे होने पर खाते में 40,68,209 रुपये होंगे, जिनमें निवेशक का वास्तविक निवेश 22,50,000 रुपये होगा, और उस पर 18,18,209 रुपये ब्याज के तौर पर हासिल होंगे.
अब आपको याद होगा कि PPF खाता खोलते वक़्त निवेशक की उम्र 25 साल थी, सो, अब वह 40 साल का हो गया है, लेकिन रिटायरमेंट में अब भी काफ़ी समय है. नियमों के मुताबिक, PPF अकाउंट को मैच्योरिटी से पहले आवेदन कर पांच साल के लिए एक्सटेंड किया जा सकता है, यानी कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है, और 5-5 साल के लिए मिलने वाला यह एक्सटेंशन PPF निवेशक कितनी भी बार हासिल कर सकता है. अगर हमारा निवेशक PPF खाते को पांच साल के लिए विस्तार देने के बाद भी निवेश का वार्षिक रूटीन बरकरार रखे, तो अगली बार परिपक्वता तक पहुंचने पर (PPF खाता 20 साल चल चुका है, और निवेशक की उम्र 45 साल हो गई है) इसमें कुल जमा राशि 66,58,288 रुपये होगी, जिसमें निवेशक का निवेश 30,00,000 रुपये तथा मिला हुआ ब्याज 36,58,288 रुपये होगा.
PPF निवेशक का करोड़पति बनने का असली सफ़र तो अब शुरू होगा, और अब हमारा PPF खाताधारक एक बार फिर खाते को 5 साल के लिए एक्सटेंड करेगा, और पहले की ही तरह हर वर्ष 1,50,000 रुपये का निवेश करना जारी रखेगा. इस बार जब खाता मैच्योर होने की कगार पर पहुंचेगा, तब खाताधारक की उम्र 50 साल हो चुकी होगी, और उसके PPF खाते में कुल 1,03,08,014 रुपये की रकम दिखाई देगी, जिसमें मूल निवेश 37,50,000 रुपये और ब्याज 65,58,015 रुपये होगा. इसके बाद, खाताधारक एक बार फिर खाते को एक्सटेंड करेगा, निवेश जारी रखेगा, और पांच साल बाद 55 साल की उम्र में उसके PPF खाते में 1,54,50,910 रुपये जमा होंगे, जिनमें उसका निवेश 45,00,000 रुपये और मिला हुआ ब्याज 1,09,50,911 रुपये हो चुका होगा.
अब इसके बाद निवेशक को इस ख़बर के शीर्षक में बताई गई रकम तक पहुंचने के लिए PPF खाते को आखिरी बार एक्सटेंड करना होगा, और पिछले 30 साल से जारी निवेश की प्रक्रिया को पांच साल और बरकरार रखने के बाद जब PPF खाता परिपक्व होगा, तब PPF खाताधारक 60 साल का होगा, और उसके खाते में कुल जमा रकम 2,26,97,857 रुपये होगी, जिसमें उसका निवेश 52,50,000 रुपये, और ब्याज की रकम 1,74,47,857 रुपये होगी.
PPF खाते की मैच्योरिटी राशि पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा
अब PPF खाते में मौजूद 2,26,97,857 रुपये की इस बड़ी रकम की सबसे बड़ी खासियत यही होगी कि इस पर PPF निवेशक को किसी भी तरह का कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा, और यह सारी रकम व्हाइट मनी ही होगी. याद रहे, करोड़ों रुपये की इस रकम को पाने के लिए निवेशक ने 35 साल तक हर साल 1,50,000 रुपये का जो निवेश किया था, उस पर भी वह 46,800 रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से 35 साल में लगभग 16,38,000 रुपये की बचत कर चुका है. और अगर पति-पत्नी दोनों ने एक साथ PPF खाता खुलवाकर 35 साल तक चलाया है, तो उनके दोनों खातों से कुल मिलाकर 4,53,95,714 रुपये हासिल होंगे.
PPF योजना, यानी लोक भविष्य निधि के बारे में उपरोक्त जानकारी पढ़ लेने के बाद भी कुछ खास बातें याद रखना ज़रूरी है...
- PPF अकाउंट पर ब्याज कितना दिया जाएगा, इसका फ़ैसला केंद्र सरकार हर तिमाही करती है, सो, ब्याज दर के घटने या बढ़ने की सूरत में रिटायरमेंट पर मिलने वाली कुल रकम भी घट या बढ़ सकती है.
- ज़्यादा से ज़्यादा फायदा पाने के लिए PPF निवेशक के लिए सबसे अच्छा होगा कि वह अपना निवेश अप्रैल माह की शुरुआत में ही खाते में जमा करवा दे, ताकि अधिकाधिक ब्याज पा सके.
- ध्यान रहे, इस आलेख में दर्ज मैच्योरिटी की रकम, यानी परिवक्वता राशि PPF अकाउंट को लगातार 35 साल तक चलाते रहने के बाद हासिल हुई है, सो, अगर निवेशक की शुरुआती आयु 25 वर्ष से अधिक हो, या वह खाते को 15 साल की पहली रूटीन मैच्योरिटी के बाद कम से कम चार बार एक्सटेंड नहीं करेगा, तो उस हालत में हासिल होने वाली मैच्योरिटी की रकम कम हो सकती है.
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