भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देशभर में बढ़ते साइबर फ्रॉड के मद्देनजर सख्त रुख अपना रहा है. इन दिनों फर्जी सिम कार्ड के जरिये साइबर फ्रॉड सहित कई अन्य तरह की जालसाजी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जिसको देखते हुए केंद्रीय बैंक ने टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट (DoT) के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है. BQ PRIME की रिपोर्ट के अनुसार, RBI ने सिम कार्ड को लेकर नो योर कस्टमर ( KYC) से जुड़े कड़े नियम बनाने और फर्जी या साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल किए जा रहे सिम को लेकर एक डेटाबेस तैयार करने की बात कही है. इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर इस बात की जानकारी दी है.
RBI के मुताबिक, साइबर धोखाधड़ी के आंकड़ों से यह पता चला है कि सिम कार्ड के जरिये साइबर फ्रॉड मामले में दो तरह के केस सामने आए हैं. जिसमें सबसे ज्यादा फ्रॉड के मामले फर्जी सिम के जरिए करते पाए गए हैं, जबकि कई ऐसे भी मामले हैं जिनमें साइबर फ्रॉड के लिए सिर्फ एक ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल हुआ लेकिन फिर भी टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के पास इससे जुड़ा कोई डेटा उपलब्ध नहीं था. जिसकी वजह से साइबर फ्रॉड में जिस सिम कार्ड का उपयोग किया गया उस नंबर को ब्लॉक नहीं किया जा सका. इसके चलते धोखाधड़ी करने के लिए इस तरह के नंबरों का इस्तेमाल बढ़ने की आशंका है.
साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए RBI ने DoT सख्त निर्देश दिए हैं. RBI ने कहा है कि सिम बदलने के दौरान KYC की आवश्यकता बढ़नी चाहिए. ऐसा करने से इन फर्जी नंबर के जरिये से वन-टाइम पासवर्ड हासिल करने पर रोक लगेगी. इससे इन नंबरों से जुड़े लोगों के बैंक अकाउंट भी सुरक्षित होंगे.
इसक साथ ही आरबीआई ने टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट को कई अन्य सुझाव भी दिए हैं. जिनमें कहा गया है कि टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट एक सेंट्रलाइज्ड वेबसाइट तैयार करे. इस वेबसाइट पर उन सभी फर्जी नंबरों का डेटाबेस अपलोड करे जिसके जरिये साइबर फ्रॉड किए गए हैं.इतना ही नहीं, इस डेटाबेस को सभी वित्तीय संस्थानों से लिंक कराने का भी सुझाव दिया है.
आपको बता दें कि RBI ने एक डिजिटल साक्षरता अभियान 'RBI कहता है' शुरू किया है. इस अभियान के जरिये केंद्रीय बैंक का मकसद लोगों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए उन्हें शिक्षित करना है.
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