Astrology tips : बचपन में हम सब ने एक थाली में भाई बहन के साथ खाना जरूर खाया होगा. एक थाली में खाने को लेकर मान्यता है कि इससे संबंधों में और मिठास आती है प्यार बढ़ता है. इसलिए पति-पत्नी भी एक दूसरे का जूठा भोजन खाना पसंद करते हैं ताकि दांपत्य जीवन में खुशहाली बने रहे. लेकिन शास्त्रों (shastra) में एक ही थाली में खाना अच्छा नहीं माना गया है. आखिर इसके पीछे की क्या वजह है आज इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे. ताकि अगली बार से आप थोड़ी सतर्कता बरतें.
क्यों नहीं खाना चाहिए एक थाली में खाना ? Kyun nhi kahyein ek palte se khana
- असल में एक थाली में खाना एक से अधिक लोगों को इसलिए नहीं खाना चाहिए क्योंकि, अगर किसी व्यक्ति का समय अच्छा नहीं चल रहा है या फिर किसी संक्रमित बीमारी से पीड़ित है तो इससे आप भी प्रभावित हो सकते हैं. इसलिए इस तरीके से भोजन करने से थोड़ा बचना चाहिए.
- यह भी कहा जाता है कि अगर आप किसी के साथ एक ही थाली में बैठकर भोजन करते हैं तो व्यक्ति का पाप पुण्य दोनों ही आपको लगेगा. आपने बड़े-बड़े संत महात्माओं को देखा होगा वो कभी भी अपने साथ थाली में भोजन नहीं करते हैं. अगर उनको कोई चीज अपनी थाली से साझा करनी होती है तो हाथ से निकालकर दूसरे के थाली में रख देते हैं.
- हां, अगर आपको अपना जूठा किसी को खिलाना है तो व्रत के बाद खिलाइए. ऐसा इसलिए क्योंकि व्रती लोगों पर साझात देवी देवताओं का वास होता है ऐसे में अपना जूठन खिलाने से अगले व्यक्ति को भी पुण्य मिलेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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