UPI Payment: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को जी-20 देशों से चुनिंदा हवाई अड्डों पर आने वाले यात्रियों को भुगतान के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का फैसला किया. आरबीआई ने कहा कि बाद में यूपीआई के जरिये भुगतान (UPI Payment) सुविधा का लाभ यहां आने वाले सभी देशों के यात्रियों को मिलेगा. यूपीआई एक पेमेंट प्लेटफॉर्म है, जिसके जरिये हम मोबाइल ऐप के माध्यम से कहीं से भी कभी भी अपने बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में पैसा भेज और मंगा सकते हैं. यूपीआई के जरिये भुगतान जनवरी में मासिक आधार 1.3 प्रतिशत बढ़कर करीब 13 लाख करोड़ रुपये रहा है.
केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘यूपीआई देश में रिटेल डिजिटल पेमेंट के लिये काफी लोकप्रिय बन गया है.इसको देखते हुए अब भारत आने वाले सभी यात्रियों को देश में रहने के दौरान कारोबारियों (पी2एम) को भुगतान के लिये इसके उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव है.''उन्होंने कहा कि इस सुविधा की शुरुआत चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आने वाले जी-20 देशों के यात्रियों से होगी.
आपको बता दें कि भारत ने एक दिसंबर, 2022 को जी-20 की अध्यक्षता संभाली है. जी-20 दुनिया के विकसित और विकासशील देशों का मंच है.इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.
इसके अलावा शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक 12 शहरों में क्यूआर कोड आधारित ‘कॉइन वेंडिंग मशीन (क्यूसीवीएम) को लेकर पायलट परियोजना शुरू करेगा. ये वेंडिंग मशीनें यूपीआई का उपयोग करके बैंक ग्राहकों के खाते से पैसे काटकर सिक्के उपलब्ध कराएंगी. अभी जो मशीनें हैं, उसमें बैंक नोट डालकर सिक्के निकाले जाते हैं. उन्होंने कहा कि पायलट परियोजना से मिले परिणाम के आधार पर इन मशीनों के जरिये सिक्के के वितरण को लेकर बैंकों के लिये दिशानिर्देश जारी किया जाएगा. इस कदम से सिक्के की उपलब्धता बढ़ेगी.
आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि कर्ज पर जुर्माने को लेकर बैंकों की अलग-अलग नीतियां हैं. इस मामले में पारदर्शिता लाने और ग्राहकों के हितों के संरक्षण को लेकर जुर्माना लगाये जाने के बारे में विभिन्न पक्षों से राय लेने को लेकर दिशानिर्देश का मसौदा जारी किया जाएगा. मौजूदा व्यवस्था के तहत नियमित इकाइयों यानी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिये जरूरी है कि कर्ज को लेकर जुर्माना लगाने को लेकर नीतियां हों. हालांकि, ये इकाइयां ऐसे शुल्क को लेकर अलग-अलग गतिविधियां अपनाती हैं. आरबीआई गवर्नर नेकहा कि कुछ मामलों में शुल्क काफी ज्यादा होता है. इससे ग्राहकों की शिकायतें आती हैं और विवाद बढ़ता है.
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