चूरू।
10वीं कक्षा के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लडऩे के मामले जेल में बंद चूरू जिला प्रमुख हरलाल सहारण ( Harlal Saharan) की जिला एवं सेशन न्यायालय ने जमानत याचिका नामंजूर कर दी। जिला प्रमुख को अब जमानत के लिए अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। जिला न्यायाधीश अय्यूब खान ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे जमानत योग्य नहीं माना और खारिज कर दिया। फिलहाल तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से जिला प्रमुख हरलाल सहारण चूरू मुख्यालय पर स्थित भरतीया अस्पताल में भर्ती है। 22 मई की शाम को सहारण की जेल में तबियत बिगडने पर अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती करवाया गया था। तब से अब तक हरलाल का मेडिकल बोर्ड बनाकर उपचार किया जा रहा है। लेकिन जमानत याचिका खारिज होने से सहारण को फिर झटका लगा है और उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।
गौरतलब है कि 25 जनवरी 2019 को कोर्ट से प्राप्त इस्तगासे के आधार चूरू कोतवाली में हरलाल सहारण के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लडऩे के आरोप में कई धाराओं में मामला दर्ज हुआ था। जांच के दौरान पुलिस ने भी दस्तावेजों को फर्जी माना था। जिसके बाद पिछले कई दिनों से भूमिगत चल रहे हरलाल को 19 मई को जयपुर के जालुपूरा से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद हरलाल को कोर्ट में पेश किया गया तो पहले तीन दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप गया था। रिमांड अवधि समाप्त होने पर सहारण सीजेएम कोर्ट ने पेश किया तो उन्होंने वहां अपनी जमानत याचिका लगाई, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर जेल भेज दिया था। उसके बाद सहारण ने डीजे कोर्ट में जमानत प्रार्थना-पत्र पेश किया था।
सहारण की गिरफ्तारी के बाद भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में उबाल सा आ गया था। विधायक राजेन्द्र राठौड़ की कोठी पर बैठक कर आक्रोश रैली व सभा का ऐलान कर दिया था। नागवान नोहरे में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता लामबंद हो गए। सभा के बाद धारा 144 लागू होने के बावजूद नगवान नोहरे से कलक्ट्रेट स्थित अम्बेडकर सर्किल तक जुलूस निकाला गया था। जबकि शहर में 27 मई तक आचार संहिता लागू थी। इस दौरान कई जगह सडक़ पर बैठकर सांकेतिक धरना भी दिया गया।
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